Kavita: एक परिंदे की मौत
जीवन के सफर में
यह जिंदगी एक जंग बन जाती है
मुहब्बत और नफरत करते करते
एक कहानी बन जाती है
बच्चो को पढ़ाते हुए मैंने पाया
ऊंचाई से आ गिरा बाहर, एक परिंदा
देखा तो पाया
उस परिंदे पर चील ने हमला किया था
उसे पुचकारा , सहलाया
ताकि वह भयभीत न हो
और ले लिया अपने हाथो में
दशा जर्जर थी
आंखे लाल
गर्दन मुड़ी हुई
पैर भी जख्मी
और सांसे थी...
लेकिन अंतिम
हिचकी वाली सांसे
मुझे बुरा लगा,
मैं असहाय सा, बस
इसकी ये दशा देख सकता हूं
जैसे मैं मेरी दशा देखता हूं
और फिर मैने सुनाया महामंत्र
नमोकर जो सिद्ध बनने की प्रेरणा देता है
और ले गया मैं उसे खुले आसमान में
सुनते सुनते,
मेरे हाथों में
उस परिंदे के प्राण पखेरु उड़ गए
फिर लगा जैसे मृत्यु.....
कोई नवीन घटना नही है
कई परिंदे ऐसे है
जिन्हे नही मिल पता साथ
या हम नही दे पाते साथ
……...……
✍️Sanyam jain Taran
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