kavita-"पुराने को सब भूल जाते हैं"

"पुराने को सब भूल जाते हैं"

सभी की जिंदगी में

कुछ आता है कुछ जाता है

कुछ जाता है तो

क्या दुख नहीं होता

स्वाभाविक है होता है

कुछ दूर निकल जाते हैं

तो उन्हें कुछ नया मिल जाता है

कुछ यथावत रहते हैं

वहीं मंगलमय होते हैं

यथार्थ है यह नियम प्रकृति का "संयम"

नये को पाकर पुराने को 

अक्सर सभी भूल जाते हैं......

............✍sanyam jain "Taran"

hindi kavita naye ko pakar purane ko sab bhool jaate hain



यह कविता जीवन के एक बहुत ही महत्वपूर्ण सत्य को व्यक्त करती है, कि जीवन में आना-जाना लगा रहता है। कुछ लोग हमारे जीवन में आते हैं, कुछ लोग जाते हैं। जो लोग जाते हैं, उनके जाने से हमें दुख होता है, यह स्वाभाविक है। लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि जो लोग जाते हैं, वे हमें कुछ न कुछ देते हैं, चाहे वह ज्ञान हो, अनुभव हो, या प्यार हो। और जो लोग हमारे जीवन में रहते हैं, वे हमारे जीवन को समृद्ध करते हैं।

कविता कहती है कि जो लोग हमारे जीवन से दूर निकल जाते हैं, उन्हें कुछ नया मिल जाता है। यह नया कुछ भी हो सकता है, एक नया जीवन, एक नया अवसर, या एक नई शुरुआत। और जो लोग हमारे जीवन में यथावत रहते हैं, वे हमारे जीवन में मंगलमय होते हैं। वे हमारे जीवन में खुशी, शांति, और प्रेम लाते हैं।

कविता यह भी कहती है कि यह जीवन का एक नियम है कि जो आता है, वह जाता है। और जब हम नए को पाते हैं, तो हमें पुराने को "संयम" करना चाहिए। इसका मतलब है कि हमें पुराने को भूलकर नए पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

यह कविता हमें जीवन के इस सत्य को समझने में मदद करती है कि जीवन में आना-जाना लगा रहता है। हमें इस सत्य को स्वीकार करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।


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