kavita - ऐसे नही चलता जीवन
ऐसे नही चलता जीवन
कुछ अधूरी इच्छाएं
कुछ अधूरे ख्वाब
और कही प्रश्नों का बोझ
हो तो चलता है जीवन
वरना ऐसे नही चलता जीवन
जीने की कश्मकश हो
हर दिन हर पल संघर्ष हो
और कही अनुभवों का बोझ
हो तो चलता है जीवन
वरना ऐसे नही चलता जीवन
किसी को पाने की खुशी हो
किसी को खोने का भय हो
बाहर मुस्कराहट अंदर बोझ
हो तो चलता है जीवन
वरना ऐसे नही चलता जीवन
कभी नदी से सीखा हो
कभी पेड़ो से बात की हो
और हवा के स्पर्श का आनंद
हो तो चलता है जीवन
वरना ऐसे नही चलता जीवन
✍️ संयम जैन तारण
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