kavita- तुम मुझे चाहो

तुम मुझे चाहो


तुम मुझे चाहो

मैं याद बनकर लौंटू

तुम मुझे याद करो

मैं आंसू बनकर लौंटू

तुम आंसू पौछों

मैं हंसी बनकर लौंटू

तुम हंसती रहो

और मैं समा जाऊं

तुम्हारे चारो और

 

 ..….. ✍संयम जैन तारण

यहां गीत का एक संक्षिप्त स्पष्टीकरण है:तुम मुझे चाहो - प्रेमी अपनी प्रेमिका से चाहता है कि वह उसे प्यार करे।
मैं याद बनकर लौंटू - अगर वह उसे प्यार करती है, तो वह उसकी यादों में मौजूद होगा।
तुम मुझे याद करो - उसकी यादें उसे हमेशा उसके साथ रहेंगी।
मैं आंसू बनकर लौंटू - उसके आंसू उसके दुख को साझा करेंगे।
तुम आंसू पौछों - वह उसके दुखों को दूर करना चाहता है।
मैं हंसी बनकर लौंटू - उसकी हंसी उसे खुशी देगी।
तुम हंसती रहो - वह चाहता है कि वह हमेशा खुश रहे।
और मैं समा जाऊं - वह चाहता है कि वह उसकी आत्मा का एक हिस्सा बन जाए।

यह गीत प्यार की एक खूबसूरत अभिव्यक्ति है। यह हमें याद दिलाता है कि प्यार एक ऐसा शक्तिशाली बंधन है जो हमें एक दूसरे से जोड़ता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट